नमस्कार दोस्तो, आज हम इस पेज पर आपको एक ऐसी महत्वपूर्ण चंद्रयान-3 पर आधारित प्रश्नोत्तरी 2023 (Important Questions related to Chandrayaan-3) को बतायेंगे, जो सभी चंद्रयान-3 पर आधारित प्रश्नोत्तरी को आसानी से याद कर पाऐंगे।
चंद्रयान-3 पर आधारित प्रश्नोत्तरी (Important Questions related to Chandrayaan-3)
प्रश्न – चंद्रयान-3 है क्या?
उत्तर – चंद्रयान-3(Chandrayaan-3) मिशन चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) का ही अगला चरण है, जो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और परीक्षण करेगा। इसमें एक प्रणोदन मॉड्यूल, एक लैंडर और एक रोवर होगा। चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) का फोकस चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करने पर है। मिशन की सफलता के लिए नए उपकरण बनाए गए हैं। एल्गोरिदम को बेहतर किया गया है। जिन वजहों से चंद्रयान-2 मिशन चंद्रमा की सतह नहीं उतर पाया था, उन पर फोकस किया गया है।
चंद्रयान-3 का उद्देश्य क्या है?
चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य – चंद्रयान-3 भारत का तीसरा चंद्रमा मिशन है, और जुलाई 2019 के चंद्रयान-2 का अनुवर्ती है, जिसका उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक रोवर भेजना था।
इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की संरचना को बेहतर ढंग से समझना है।
चंद्रयान-3का कुल वजन 3.9टन।
चंद्रमाका अध्ययन सेलेनोलॉजीकहलाता है।
चंद्रयान-3 मिशन से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य…
इस मिशन में भारत चांद की धरती पर एक कैलेंडर उतरेगा, इस लंदन में एक रोवर भी है जो चंद्रमा की धरती पर घूमेगा और वहां कुछ प्रयोग करेगा।
लेंडर चांद पर एक लूनार दिन तक रहेगा, एक लूनार दिन धरती के 14 दिन के बराबर होता है।
चंद्रयान-3 लैंडर की चांद की सतह पर लैंडिंग के लिए जरूरी है कि वहां सूरज निकलता हो। लेंडर के लिए सनलाइट जरूरी है. चांद पर सूरज 14-15 दिन सूरज निकलता है और बाकी 14 15 दिन सूरज नहीं निकलता है।
चंद्रयान-2 लैंडर, रोवर और ऑर्बिटर था।
चंद्रयान-3 के लिए औरबितर नहीं बनाया गया है चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर पहले ही ऑर्बिटर में मौजूद है जरूरत पड़ने पर इसी का इस्तेमाल किया जाएगा।
चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर के बजाय स्वदेशी प्रोपल्शन मॉड्यूल है।
प्रोपल्शन में ड्यूल(वजन -2148 KG): अंतरिक्ष मिशन पर जाने वाले यान का पहला हिस्सा होता है जिसे प्रोपल्शन मॉड्यूल कहा जाता है यह किसी भी स्पेसशिप को उड़ान भरने की ताकत देता है।
लैंडर मॉड्यूल (वजन 1723Kg): चंद्रयान-3 का यह दूसरा और महत्वपूर्ण हिस्सा है इससे ही चंद्रमा पर उतारा जाएगा रोवर को चंद्रमा की सतह तक का सही तरीके से पहुंचाने की जिम्मेदारी उसी की होती है।
रोवर (वजन-26kg) :- चंद्रयान का यह तीसरा हिस्सा है रोवर, जो लैंडर के जरिए चंद्रमा की सतह पर उतारेगा और फिर मूवमेंट कर जानकारी जुटाकर धरती पर भेजेगा।
चंद्रयान-3 को LVM3-M4 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। इससे पहले GSLV MK – III के नाम से जाना चाहता था।
LVM 3 का FULL फॉर्म = Launch Vehicle Mark -III
पुराना नाम – Geosynchronous Satellite Launch Vehicle Mark III
जैसा कि आपको पता ही होगा Chandrayaan-3 तारीख शुक्रवार, 14 जुलाई 2023 (समय दोपहर 2:35 pm बजे) को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया। जिस पर पूरे विश्व की नजर टिकी हुई है, लेकिन अगर आप एक विद्यार्थी हैं और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो Chandrayaan-3 Questions with answers 2023 को अपने दिमाग में जरूर छाप लेना क्योंकि आगामी जो भी परीक्षाएं होंगी उन्हें यहां से प्रश्न जरूर पूछा जाएगा।
आज की इस पोस्ट में हम आपको चंद्रयान-3 से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उत्तर उपलब्ध करवा रहे हैं।
प्रश्न – चंद्रयान-3 कब लॉन्च किया गया? उत्तर – शुक्रवार 14 जुलाई 2023
प्रश्न – ISRO के मौजूदा चेयरमैन कौन है? उत्तर – एस सोमनाथ
प्रश्न – चंद्रयान – 3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर कौन है? उत्तर – पी. वीरमुथुवेल
प्रश्न – चंद्रयान-3 मिशन के डायरेक्टर कौन है? उत्तर – मोहन कुमार
प्रश्न – चंद्रयान-3 मिशन की एसोसिएट प्रोजेक्ट डायरेक्टर कौन है? उत्तर – कल्पना कलाहस्ती
प्रश्न – मिशन चंद्रयान-3 कहां से लांच किया गया? उत्तर – आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से
प्रश्न – चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग का संभावित समय है? उत्तर – संभावित समय दोपहर 2:35 pm बजे है।
प्रश्न – चंद्रयान-3 किस रॉकेट से लांच किया गया? उत्तर – LVM 3 – M4
प्रश्न – चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण में किस प्रक्षेपण यान का उपयोग किया जाता है? उत्तर – चंद्रयान-3 के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला लॉन्चर GSLV-जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल है।
प्रश्न – चंद्रयान-3 में प्रयुक्त प्रणोदन मॉड्यूल का द्रव्यमान कितना है? उत्तर – चंद्रयान-3 में इस्तेमाल किए गए प्रोपल्शन मॉड्यूल का द्रव्यमान 2148 किलोग्राम है।
प्रश्न – चंद्रयान-3 में निम्नलिखित में से किस मॉड्यूल का उपयोग किया जाता है? उत्तर – चंद्रयान-3 में लैंडर मॉड्यूल (एलएम), प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) और एक रोवर शामिल है।
प्रश्न – चंद्रयान-3 में निम्नलिखित में से किस तकनीक का उपयोग किया गया है? उत्तर – चंद्रयान-3 में उपयोग की जाने वाली प्रौद्योगिकियाँ हैं: अल्टीमीटर, वेलोसीमीटर, जड़त्व माप और प्रणोदन प्रणाली।
प्रश्न – चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर का मिशन जीवन बराबर है? उत्तर – चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर का मिशन जीवन एक चंद्र दिवस है जो पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर है।
प्रश्न – चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर को क्या कहा जाता है? उत्तर – इसरो चेयरमैन के मुताबिक, चंद्रयान-2 मिशन में लैंडर का नाम विक्रम और रोवर का नाम प्रज्ञान रखा जाएगा।
प्रश्न – अंतरिक्ष मिशन पर जाने वाले यान का पहला हिस्सा क्या कहलाता हैं? उत्तर – प्रोपल्शन मॉड्यूल
प्रश्न – चंद्रयान-3 भारत का चंद्रमा का कौन सा मिशन है? उत्तर – तीसरा
प्रश्न – चन्द्रमा का अध्ययन क्या कहलाता हैं? उत्तर – सेलेनोलोजी
प्रश्न – मिशन का समय काल कितना है? उत्तर – 1 लुनार
प्रश्न – चंद्रयान-2 का वजन लगभग कितना है? उत्तर – 3900 किलोग्राम
प्रश्न – चंद्रयान-3 लैंडर का नाम क्या है? उत्तर – विक्रम
प्रश्न – चंद्रयान-3 के रोवर का नाम क्या है? उत्तर – प्रज्ञान
प्रश्न – चंद्रयान-3 के लिए प्रमुख किस रॉकेट इंजन का उपयोग किया है? उत्तर – C25 क्रायोजेनिक इंजन
प्रश्न – चन्द्रमा के किस हिस्से पर चंद्रयान-3 को उतारा जाएगा? उत्तर – चन्द्रमा के दक्षिणी हिस्से पर
प्रश्न – चंद्रयान-3 मिशन का नेतृत्व किसने किया? उत्तर – डॉ. ऋतु करिधल श्रीवास्तव
प्रश्न – Chandrayaan-3 चांद पर कब पहुंचेगा? उत्तर – 23 या 24 अगस्त 2023 को
प्रश्न – चंद्रयान-3 चांद पर जाने के बाद क्या काम करेगा? उत्तर – यह चांद की सतह पर उतरने के बाद इसरो में बैठे वैज्ञानिकों को चांद की सतह से जुड़ी जानकारियां भेजेगा एवं सत्य है पर पानी की मौजूदगी के बारे में बताइएगा।
प्रश्न – मिशन चंद्रयान-3 में कितने रुपए खर्च किए गए? उत्तर – लगभग 615 करोड़
प्रश्न – Chandrayaan-3 चांद पर कितने दिन में पहुंचेगा? उत्तर – 40 दिन
प्रश्न – चंद्रयान-3 के अंदर क्या है? उत्तर – चंद्रयान-3 में नेविगेशन और मार्गदर्शन उपकरण मौजूद है?
प्रश्न – Chandrayaan-3 चंद्रमा पर कब और कितने बजे लैंड करेगा? उत्तर – 23 अगस्त 2023 को शाम 5:47 पर
प्रश्न – चंद्रयान-3 के चन्द्रमा के दक्षिणी भाग पर पहुंचने वाला विश्व का कौन सा देश बन जाएगा? उत्तर – पहला
प्रश्न – मिशन चंद्रयान की औपचारिक शुरुआत कब हुई थी? उत्तर – 15 अगस्त 2003
प्रश्न – Chandrayaan-1 कब लांच किया गया था? उत्तर – 22 अक्टूबर 2008
प्रश्न – मिशन चंद्रयान-1 का उद्देश्य क्या था? उत्तर – चंद्रमा के चक्कर लगाना
प्रश्न – Chandrayaan-2 कब लांच किया गया था? उत्तर – 22 जुलाई 2019
प्रश्न – Chandrayaan-2 किस रॉकेट से लांच किया गया था? उत्तर – GSLV- MK 3 ML
प्रश्न – चंद्रयान-2 का वजन लगभग कितना था? उत्तर – 3850 किलो
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